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Showing posts from January, 2025

जीवन जीने का गूढ़ रहस्य?

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  दुनिया में भारत ही एक ऐसा देश है जिसने अध्यात्म में सबसे ज्यादा कीर्तिमान स्थापित किए हैं| विश्व के सभी देशों में जो अध्यात्म पर काम हो रहा है उसकी शुरुआत दूसरे देशों में भी भारत के ही महापुरुषों ने की है| श्री राम जी से लेकर श्री विवेकानंद जी के जीवन सफर तक भारत ने ऐसे हजारों महापुरुष दिए हैं जिनके विचार आज भी विश्ववासियों को प्रेरित कर रहे हैं| आज विश्व भर के सभी नौजवान उन्हीं के बताए रास्तों पर चलकर ही बड़े व महान कार्यो को सफलतापूर्वक कर पा रहे हैं| भारत की भूमि शुरुआत से ही तपस्वियों की भूमि रही है व इसी कारण भारतवासी बाहरी आक्रांताओं के दर्दनाक जुल्म सहकर भी ज्यों के त्यों खड़े रहे व भारत को पुनः आजाद करवा पाए| आज विकास के मामले में भारत पूरी दुनिया में परचम लहरा रहा है, लेकिन आज तपस्वियों के इस देश के लोग अंधविश्वास व पाखंड का शिकार होने लगे हैं| आज पूरा मनुष्य समाज स्वयं तपस्या करने की बजाय सिर्फ कथाएं सुनने तक ही सीमित हो गए हैं | कथाएं सुनना अच्छी बात है लेकिन जब तक सुना हुआ ज्ञान मनुष्य आचरण में नहीं लाएगा तब तक सब सुना सुनाया बेकार हो रहा है| स्वयं तपस्या ना करने की व...

चरित्र क्या है और मनुष्य समाज में चरित्र का क्या महत्व है ?

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  चरित्र मनुष्य की सबसे अनमोल संपदा होती है, जो उसके संस्कारों का सार होता है। यह   मनुष्य के व्यक्तित्व , आचरण और मूल्यों का संयोजन है। सभी संत जन कहते हैं कि यह एक ऐसी अनमोल संपदा है जिसको कमाने में कई जन्म लग जाते हैं। चरित्र ही मनुष्य की सच्ची कमाई है और यही मनुष्य की असली पहचान है। चरित्र ही मनुष्य चेतना को ऊपर उठाने में सहायक होता है। चरित्र ही ऐसी पूंजी है जिसके कारण मनुष्य का जीवन अनमोल है। वरना शरीर तो पशु के पास भी होता है। चरित्र का समाज में महत्व एक चरित्रवान समाज में ही एक दूसरे से संबंध मजबूत रहते हैं और सभी आत्म सम्मान और आत्म विश्वास से भरे रह सकते हैं। चरित्रवान मनुष्यों से ही सभी के व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ पूरे समाज और देश का आर्थिक, सामाजिक और नैतिक मूल्यों का विकास संभव है। चरित्रहीनता के नुकसान आज सबसे बड़े दुःख की बात यह है कि इस अनमोल संपदा को मनुष्य कौड़ियों के भाव बेच रहा है, अर्थात मनुष्य का जमीर गिरता ही जा रहा है। आज कामनाओं की पूर्ति करने में मशगूल मनुष्य अच्छे और बुरे की समझ खो चुका है। चारों ओर बेईमानी, लूटपाट, रिश्वतखोरी, मिलावट, अवैध संबंध, ...

मनुष्य को सफल, शांत व आनंदित बनाने वाला योग? | Chetnanand Ji

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  मनुष्य को सफल, शांत व आनंदित बनाने वाला योग? हर मनुष्य आनंदित व सफल जीवन जीना चाहता है फिर क्या कारण है कि सभी  मनुष्यों का स्वभाव , गुण व प्रवृत्तियां अलग-अलग होते हैं| क्यों कुछ मनुष्य छोटी सी घटना से ही दुखी हो जाते हैं व क्यों कोई दूसरा मनुष्य उससे बहुत बड़ी घटना से भी दुखी नहीं होता व इसी तरह से कुछ मनुष्य दुख से जल्दी बाहर निकल आते हैं व कुछ को इस दुख से बाहर आने में बहुत अधिक समय लगता है| अर्थात महसूस व वापसी करने का स्तर अलग-अलग क्यों होता है | इसी तरह सुख का स्तर, डर का स्तर, गुस्से का स्तर, सफलता व असफलता का स्तर, आत्मविश्वास व कायरता का स्तर, ज्ञान व अज्ञान का स्तर, समझ या ना समझी का स्तर, निर्णय लेने की क्षमता का स्तर, एकाग्रता,सतर्कता,उत्साह व धैर्य आदि का स्तर, खतरे या चुनौती का सामना करने की क्षमता का स्तर आदि भी हर मनुष्य में अलग-अलग ही होते हैं क्यों ? यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है हर मनुष्य को इसके बारे में जानना उतना ही जरूरी है जितना बाकी सभी कार्य करना | अगर हर मनुष्य इसके कारण को जान जाए तो इसका उपाय भी किया जा सकता है| इसके कारण निम्नलिखित है ध्या...

भक्ति योग व उसका मनुष्य जीवन में महत्व

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भक्ति योग का अर्थ है  "एक मानव को पूर्ण विवेकशील व परम आनंदित महामानव बनाने वाला योग "! एक ऐसा महामानव जो पूरी दुनिया को खुद की तरह विवेकवान व परम आनंदित बनाने की क्षमता विकसित करता है व पूरी दुनिया को अपने इस महान व पवित्र उद्देश्य में शामिल करने का लक्ष्य बनाता है! यह सिर्फ भक्ति योग से ही संभव है!  आजकल विश्व भर में भक्ति का जो पैटर्न चल रहा है उससे सिर्फ अंधविश्वासी तैयार हो रहे हैं अर्थात पूरी मनुष्यता को मानसिक रोगी बनाया जा रहा है!  आज विवेक हीनता इतनी बढ़ गई है कि जो संत जितना झूठ और पाखंड फैला रहा है उसके पास उतनी ही बड़ी भीड़ जमा हो रही है परंतु जो सच में ही मनुष्यता को सही रास्ता दिखा सकता है वहाँ तो मनुष्य जा ही नहीं रहा है जिसके कारण भक्ति का असली स्वरूप ही गायब हो गया है! आज भक्ति सिर्फ कामना पूर्ति अर्थात मोक्ष, स्वर्ग, नाम,यश व धन आदि पाने के लिए की जाती है जो सिर्फ एक पाखंड है ! यहाँ तक कि कामना तो ईश्वर प्राप्ति की भी सही नहीं है क्योंकि हे प्रिय विश्ववासियो भक्ति योग का मतलब कुछ पाना नहीं बल्कि अपने आप को विकसित करना है! आज विश्व भर में मोक्ष की ओर आकर्...